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मानसिक शांति


जमीन चाहे जितनी भी उपजाऊ हो। किसान उसमें चाहे जितनी भी खाद डाले। कितना भी पानी दे ।

लेकिन अगर समय समय पर निरई गुडाई नहीं की जाएगी, मेहनत नहीं की जाएगी तो खरपतवार पैदा हो जाएंगे। फसल चाहिए तो तुम्हें मेहनत तो करनी ही पड़ेगी।

बिना मेहनत के आपको फसल नहीं मिल सकती केवल खरपतवार मिल सकते हैं।

ठीक उसी प्रकार अगर अपने मस्तिष्क में रचनात्मक विचारों

को पैदा करना है,आध्यात्म को पैदा करना है, तुम्हे मेहनत तो

करनी पड़ेगी।

संध्या, उपासना, योग, प्रणायाम और अच्छे साहित्य का पढ़ना,

 यह हमारे मन मस्तिष्क की निराई गुडाई करने जैसा है।

यह हमारे मन मस्तिष्क से खरपतवार
 अर्थात
 दूषित विचारों को हटाकर रचनात्मकता प्रभु प्रेम, आत्मविश्वास, श्रद्धा, ज्ञान, बुद्धि और विवेक को पैदा करता है ।

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8 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Jul-2022 08:55 PM

Nice post

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Raziya bano

07-Jul-2022 08:55 PM

Bahut sundar rachna

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Ilyana

07-Jul-2022 08:50 PM

Bahut sundar rachna

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